खराब मेंटल हेल्थ के लक्षण

 आज कल की भाग दौड़ भरी जिंदगी मे। जहां हर तरफ एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ लगी है। एसे मे अगर कोई इंसान कहीं भी पीछे रह जाता है तो इसका सीधा असर उसके मानसिक स्वास्थ्य पर ही पड़ता है। 


     कुछ लोग का मानसिक स्वास्थ तो इतना ज्यादा प्रभावित होता है की वो डिप्रेशन में भी चले जाते है। गुस्सा, तनाव, चिड़चिड़ापन, अनिद्रा खराब मानसिक स्वास्थ्य के ही लक्षण है। 



     यही मानसिक स्वास्थ्य जब अधिक दिनों तक खराब रहता है तो इसकी वजह से शारीरिक स्वास्थ्य में भी गड़बड़ी होने लगती है। और फिर उच्च या निम्न रक्त चाप, अल्सर और पेट दर्द, भूख प्यास न लगना या अधिक लगना, कमजोर यादाश्त, माइग्रेन की समस्या या नकारात्मक सोच या मति भ्रम जैसी समस्या होने लगती है। 


    मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ने के और भी कई कारण है ।जैसे समाज से दूर रहना, लोगों से बात ना करना, अंतर्मुखी प्रवृति का होना, किसी के द्वारा जान बुझ के मानसिक शोषण करना या शारीरिक शोषण करना, प्यार में धोखा खाना, जान बूझ के किसी की भावनाओ के साथ खेलना, किसी इंसान को डरा धमका के गुलाम बनाना, लड़कियों या लडको को प्यार के नाम पर अपनी मर्जी से जीने को मजबूर करना, शारीरिक संबंध की तीव्र इच्छा की पूर्ति न होना।


     एक सबसे बड़ा कारण जिसे मानसिक स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है वो है ज्यादा सोचना। जब इंसान किसी बात को लेकर ज्यादा चिंतित होने लगता है। तो इसका असर भी सीधे उसके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। ये चिंता अंदर ही अंदर इंसान को परेशान करने लगती है। और इसका पहला लक्षण जो सामने आता है वो है पेट दर्द होना या पेट में गैस बनना या बदहजमी। अभी तक किसी ने इसे प्रमाणित तो नही किया है। लेकिन चिंता ग्रस्त लोगो में ये लक्षण सबसे पहले नजर आता है। 


     मानसिक स्वास्थ्य केवल ज्यादा चिंता करने से ही नही खराब होता। इसके और भी बहुत कारण होते है। जैसे बड़ो में नशे की लत लग जाना। बच्चो में गेम की लत लग जाना।  युवा पीढ़ी की नई सोच की वजह से उन्हें समझा न जाना, वैवाहिक जीवन में प्यार की कमी, हमेशा किसी को डरा के अपनी बात मनवाना या गुलाम वाली जिंदगी जीने को मजबूर करना।

  

   उम्र ,वर्ग और लिंग के अनुसार भी मानसिक स्वास्थ बिगड़ने के अलग अलग कारण होते है। 



    पर अगर इसे और भी अच्छे से समझा जाए तो ज्यादा सोचने से किसी का मानसिक स्वास्थ्य खराब नहीं होता। बल्कि ज्यादा नेगेटिव सोचने से मानसिक स्वास्थ्य खराब होता है। नेगेटिव सोचना मतलब ऐसी चीजों,व्यक्ति या घटनाओं के बारे में चिंता करना जो है ही नही। 

जब भी किसी इंसान का मानसिक स्वास्थ्य खराब होता है तो उसे सलाह दी जाती है psycitrist या neurologist के पास जाने की। जबकि एक इससे भी ज्यादा असरदार तरीका है मानसिक बीमारी को ठीक करने का। और वो है मेडिटेशन। 


शुरू शुरू मे थोड़ी दिक्कत जरूर होती है। क्योंकि हमारा  दिमाग नकारात्मक विचारों से भरा रहता है। लेकिन एक वक्त के बाद ये विचार आने बंद हो जाते है। और इंसान का खुद की सोच पर काबु हो जाता है।


मेडिटेशन करने के लिए सबसे अच्छा तरीका है किसी भगवान का नाम बार बार अपने मन मे जपा जाए या किसी इष्ट देव के बारे मे ही सोचते रहा जाए। और वो सोचना भी इतना जायदा सोचना हो। जिसे आप overthinking कह सके। और यकीनन इसके रिजल्ट अच्छे आयेगे।


मानसिक स्वास्थ्य सही न होने पर विचारो में मतभेद भी होने लगता है। अच्छा मानसिक स्वास्थ्य हमेशा सकारात्मक सोच रखता है। 


मानसिक स्वास्थ्य सही न होने पर किसी इंसान का रंगो के प्रति नजरिया भी बदल जाता है। एक अच्छा मानसिक स्वास्थ वाला व्यक्ति हमेशा हल्के या चमकीले रंगो को पसंद करता है जो की उसकी आंतरिक खुशी को दर्शाते है।


जबकि एक खराब मानसिक स्वास्थ्य का व्यक्ति दबे हुए और गहरे रंगों को जैसे काला, भूरा, मट मैला आदि रंगो को पसंद करता है। ये बहुत ही साधारण सा लक्षण है जिसके द्वारा हम किसी व्यक्ति की मानसिक स्थिति को जान सकते है। 


अच्छे मानसिक स्वास्थ्य के लक्षण

खुशमिजाज

हर काम को खुशी खुशी करना

चेहरे पर चमक होना 

अच्छी नींद 

भगवान में विश्वास 

पढ़ाई में मन लगना 

अच्छी पाचन क्रिया 

मिलनसार व्यक्तित्व

आदर्शवादी 

सकारात्मक सोच 

दयालु होना 

सामाजिक कार्य करना 

जीने की प्रबल इच्छा 


खराब मानसिक स्वास्थ्य के लक्षण 

चिड़चिड़ापन

बदहजमी

चिंता 

तनाव

किसी काम में मन न लगना 

जीवन के प्रति निराशा

भगवान में विश्वास न होना 

आक्रमक व्यवहार 

अकेले रहना

निराशावादी होना 

चेहरे पर चमक न होना 

हर किसी में कमी दिखना 


खराब मानसिक स्वास्थ्य को सही करने के उपाय


किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को सही करने का सबसे पहला तरीका यही है की उसके आस पास सकारात्मक सोच के लोग हो। जो उसे हमेशा सकारात्मक सोचने की प्रेरणा देते रहे। जब भी अमुक व्यक्ति कुछ नेगेटिव सोचे तो उसे तथ्यो के साथ बात को समझा सके की वो जो भी सोच रहा है ऐसा कुछ भी नही होता है। जैसे एक छोटा सा उदाहरण लेते है। यदि कोई व्यक्ति इस बात से डरता है की वो मर जायेगा तो उसके इस डर को दूर करने के लिए उसे तथ्यो के साथ  समझाए की  वो नही मरेगा बल्कि उसका ये शरीर बेजान हो जायेगा। जबकि उसकी आत्मा हमेशा के लिए अमर रहेगी। अगर वो चाहे तो थोड़ी सी मेहनत करके अपनी आत्मा से साक्षात्कार करके हमेशा के लिए जीवित रह सकता है। शायद ये उदाहरण कुछ ज्यादा हाई लेवल का हो गया।




एक दूसरा उदाहरण लेते है यदि कोई व्यक्ति ऐसा सोचता है की वो कोई भी काम करता है तो वो काम अच्छा नही होता या वो सफल नही होता और इसकी वजह उसकी खराब किस्मत है तो उसे आकर्षण के नियम के बारे में समझाए और यदि उसे इस नियम को समझने में दिक्कत आए तो 

तथ्यो के साथ ये बात समझाए की किस्मत किसी की खराब या अच्छी नही होती। सब काम करने के तरीके पर निर्भर करता है। समय ,हालत, परिस्थिती और ग्राहक देख के काम किया जाता है। तब काम अच्छा होता है। 


इसके अलावा भी बहुत से दूसरे तरीके होते है मानसिक स्वास्थ्य को ठीक करने के। जैसे दवाइयों द्वारा। आज कल बहुत सी ऐसी टेबलेट आती है जो व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को कुछ हद तक ठीक करने में सहायक होती है। लेकिन हमेशा के लिए इसे ठीक करने के लिए तथ्यो के साथ बात को समझाया जाना ही कारगार उपाय है। 



ध्यान ,योग ,कसरत करके या फिर अपने किसी प्रिय व्यक्ति से बात करके भी किसी व्यक्ति के खराब मानसिक स्वास्थ्य को सही किया जा सकता है। क्योंकि ये चार काम करने पर अधिक मात्रा में डोपमाइन रिलीज होता है जो व्यक्ति को अत्यधिक रिलैक्स महसूस कराता है। 


अक्सर देखा जाता है की खराब मानसिक स्वास्थ्य वाला व्यक्ति अत्यधिक नकारात्मक सोच से ग्रसित होने पर रोने लगता है। और रोने के बाद उसे हल्का महसूस होता है और वो एक अच्छी नींद सो पाता है। पर असल में रोने पर डोपामाइन रिलीज होता है जो उसे आराम पहुंचाता है। 


यदि व्यक्ति को ये पता हो की ध्यान, योग, कसरत, और प्रिय व्यक्ति से बात करने से डोपा माइन रिलीज होता है और हर बात को या घटना को तथ्यो के साथ समझना सिख जाए तो एक व्यक्ति अपने मानसिक स्वास्थ्य को बहुत कम समय में खुद 

ही ठीक कर सकता है। 



लेखिका 

दिव्यांजली वर्मा 

अयोध्या उत्तर प्रदेश 


Comments

Popular posts from this blog

निःशुल्क प्रतियोगिता, 16 नवंबर,2023

शुभ दीपावली प्रतियोगिता,12 नवंबर,2023

निःशुल्क प्रतियोगिता, 5 नवंबर,2023