निःशुल्क प्रतियोगिता (विषय देवशिल्पी विश्वकर्मा भगवान)17 सितंबर,2023
ब्रह्मा जी के सातवे मानस पुत्र धर्मदेव थे। धर्मदेव से वासुदेव उत्पन्न हुए। वासुदेव और अंगीरसी के वंशज थे विश्वकर्मा जी।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब ब्रह्मा जी ने इस संसार को रचना की थी तो उन्होंने इसको सजाने और संवारने का काम विश्वकर्मा जी को सौंपा था।
विश्वकर्मा जी की उत्पत्ति के विषय में एक और प्रसंग मिलता है की सृष्टि के आरंभ में सर्वप्रथम भगवान विष्णु क्षीरसागर में जब शेष शैया पर प्रकट हुए तो उनके नाभी कमल से ब्रह्मा दृष्टिगोचर हुए। ब्रह्मा के पुत्र धर्म तथा धर्म के पुत्र वास्तुदेव उत्पन्न हुए। उन्ही वास्तुदेव की अंगिरसी नमक पत्नी से विश्वकर्मा का जन्म हुआ।
शास्त्रों के अनुसार विश्वकर्मा जी सृष्टि के पहले शिल्पकार, वास्तुकार और इंजीनियर थे। हिंदू मान्यताओं के अनुसार देवताओं के महल और अस्त्र शस्त्र इन्होंने ही बनाए थे। विश्वकर्मा जी हर काल में सृजन और निर्माण के देवता रहे है ।
इन्होंने देवताओं के अस्त्र बनाए। कृष्ण भगवान का सुदर्शन चक्र, शिव जी का त्रिशूल, महर्षि दधीचि की हड्डियों का वज्र विश्वकर्मा जी ने ही बनाए ।
विश्वकर्मा जी ने पुष्पक विमान, कर्ण के कुंडल, दिव्य रथ, देवलोक, सोने की लंका, शिवजी का महल, पृथ्वी लोक बनाया।
विश्वकर्मा जी ने इंद्रपुरी, यमपुरी, वरुण पुरी, कुबेरपुरी, पांडवपुरी, सुदमापुरी, शिवमंडल पुरी, द्वारकापुरी भी बनाए। तीनो लोक और चौदह भुवन भी विश्वकर्मा जी ने बनाए।
सतयुग में स्वर्ण लोक,
त्रेता में लंका
द्वापर में द्वारिका
कलयुग में हस्तिनापुर
विश्वकर्मा जो एक हिंदु भगवान है। विश्वकर्मा जयंती पर दुकानों, यंत्रों, कारखानों और औद्योगिक संस्थानों में लगी हुई कल पुर्जो और मशीनों की पूजा की जाती है। माना जाता है की मशीनों की पूजा करने से व्यापार अच्छा चलता है।
17 सितंबर,2023
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नारी तू नारायणी हिन्दी साहित्य मंच के WhatsApp ग्रुप मे 17 सितंबर 2023 को विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर आयोजित प्रतियोगिता में विभिन्न रचनाकारों ने भाग लिया।
सभी को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं 🌺🌺
प्रतियोगिता में भाग लेने वाले रचनाकारों के नाम 👇🏻
निवेदिता सिन्हा
श्रीमती संगीता सूर्यप्रकाश मुरसेनिया
इंजी. हिमांशु बडोनी "दयानिधि"
इन्दु उपाध्याय
सीमा राव
पुतूल मिश्रा
सुनंदा गावंडे
मंजू वशिष्ठ
अलका मिश्रा अतुल्या
रेखा राठौर
प्रा सुनीता केसरवानी
गीता गिरि
अनिता बाजपाई
किरण विजय पोरवाल
लक्ष्मी शर्मा 'मनु'
आचार्य निर्मल
कुसुम लता कठैत
भगवती बिहानी
प्रो (डॉ) शरद नारायण खरे
राजीव कुमार
आराधना पचौरी
सुनीता नलवाया (मेहता)
भावना मोहन विधानी
रंजना बिनानी काव्या
गीता उनियाल
श्रीमती संध्या श्रीवास्तव
हेमलता बहुगुणा
दीपा टाक
विजया उनियाल
शरद एसपी जैन
सुनीलानंद
मीता लुनिवाल "मीत"
डॉ राजकुमारी वी अग्रवाल
श्रीमती मधुबाला
डॉ प्रभा जैन "श्री"
डॉ दक्षा जोशी
रंजुला चंडालिया कुमुदिनी
पूनम रामजी पांडे
ममता श्रवण अग्रवाल
डॉ आशालता नायडू
डॉ. विनय कुमार श्रीवास्तव
शुभा शुक्ला निशा
काजल कुमारी
विजयलक्ष्मी
लखनलाल माहेश्वरी
मिताली श्रीवास्तव वर्मा
गोविंद रीझवाणी "आनंद"
मंजू बाला
उषा पटेल
विनय बंसल
रवि शंकर श्रीवास्तव
कान्ति
सुश्री सुधा पण्डा
मुकेश कुमार दुबे "दुर्लभ"
दीपा गौतम
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संस्थापिका-दिव्यांजलि वर्मा
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